2025 में जब राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, तो उसका मिथुन राशि वालों की कुंडली में नवम भाव (भाग्य स्थान) में गोचर होगा। यह भाव धर्म, भाग्य, उच्च शिक्षा, विदेश यात्रा, गुरु और जीवनदर्शन से जुड़ा होता है।
शुभ प्रभाव:
भाग्य प्रबल होगा, रुके हुए कार्य अचानक पूरे हो सकते हैं।
विदेश यात्रा, उच्च शिक्षा, या रिसर्च में सफलता मिलने के योग हैं।
गुरु या उच्च अधिकारियों से लाभ की संभावना।
धार्मिकता की ओर झुकाव हो सकता है, या किसी गूढ़/गुप्त ज्ञान की प्राप्ति होगी।
सोशल मीडिया, डिजिटल शिक्षा, और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों से लाभ।
अशुभ प्रभाव:
गुरु या पिता से मतभेद हो सकते हैं।
धार्मिक विश्वासों में भ्रम या अंधश्रद्धा की ओर रुझान बढ़ सकता है।
भाग्य पर अधिक निर्भरता के कारण कर्मशीलता में कमी।
ग़लत सलाह से मार्ग भटक सकते हैं — खासकर शिक्षा या करियर में।
राहु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय:
"ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और केले का दान करें।
किसी ब्राह्मण या गुरु को सिद्ध पीले चने या हल्दी दान करें।
पिता और गुरुजनों का सम्मान करें, उनसे बहस से बचें।
यह गोचर मिथुन राशि वालों के लिए भाग्य और नई संभावनाओं का द्वार खोल सकता है, बशर्ते आप भ्रम में न पड़ें और सही दिशा में मेहनत करें।