तुला राशि पर राहु के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव (2025)

तुला राशि पर राहु के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव (2025)

2025 में राहु जब मीन से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, तब वह तुला राशि की कुंडली में पंचम भाव (5वां भाव) में गोचर करेगा। पंचम भाव संतान, शिक्षा, प्रेम, रचनात्मकता, और बुद्धि से संबंधित होता है। राहु का इस भाव में गोचर मिश्रित परिणाम देता है — कभी अवसरों की अधिकता, तो कभी भ्रम की स्थिति।

शुभ प्रभाव:

रचनात्मक कार्यों में रुचि बढ़ेगी, फ़िल्म, लेखन, मीडिया या कला से जुड़े लोगों को लाभ मिल सकता है।

प्रेम संबंधों में आकर्षण बढ़ सकता है; नए प्रेम संबंध बन सकते हैं।

यदि आप शेयर बाज़ार, सट्टा या डिजिटल इन्वेस्टमेंट से जुड़े हैं, तो अप्रत्याशित लाभ के योग।

संतान पक्ष से कोई उपलब्धि या गर्भधारण के योग बन सकते हैं।

अशुभ प्रभाव:

प्रेम संबंधों में भ्रम, धोखा या एकतरफा लगाव की संभावना।

विद्यार्थियों को एकाग्रता की कमी, विषयों में उलझन और दिशा भ्रम।

संतान से तनाव या उनकी शिक्षा/स्वास्थ्य को लेकर चिंता।

जोखिम वाले निवेशों में अति-लालच से नुकसान संभव।

 राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय:

राहु बीज मंत्र:

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। (108 बार प्रतिदिन)

बच्चों के साथ समय बिताएँ, उनकी बातों को गंभीरता से लें।

सफ़ेद या नीले रंग से परहेज करें, विशेषकर बुधवार और शनिवार को।

किसी मंदिर में काले तिल, गुड़ और नारियल का दान करें।