जब 2025 में राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, तब वह कन्या राशि वालों की कुंडली में षष्ठ भाव (6वां भाव) में स्थित होगा। यह भाव शत्रु, रोग, ऋण, प्रतिस्पर्धा, संघर्ष और सेवा से संबंधित होता है। राहु का षष्ठ भाव में गोचर आम तौर पर सकारात्मक माना जाता है।
शुभ प्रभाव:
शत्रुओं पर विजय, कानूनी मामलों में सफलता मिलने की संभावना।
प्रतियोगी परीक्षाओं, इंटरव्यू या नौकरी में सफलता के प्रबल योग।
पुराने ऋणों से मुक्ति या आर्थिक सुधार के संकेत।
स्वास्थ्य में सुधार, यदि पहले से कोई बीमारी चल रही थी।
जो लोग डॉक्टरी, सेवा, मेडिकल, सुरक्षा या न्याय व्यवस्था से जुड़े हैं, उन्हें विशेष लाभ।
अशुभ प्रभाव:
अत्यधिक मानसिक थकान, ओवरवर्क या कार्यस्थल की राजनीति।
दूसरों के विवादों में फँसना, खासकर कोर्ट-कचहरी से जुड़ी बातें।
कभी-कभी हठ या ज़िद के कारण अवसर हाथ से निकल सकते हैं।
पेट या त्वचा से जुड़ी समस्याएं संभावित हैं — खानपान का ध्यान रखें।
राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय:
"ॐ रां राहवे नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
मंगलवार और शनिवार को काले तिल और उड़द का दान करें।
किसी बीमार या सेवाभावी व्यक्ति की सेवा करें।
अपने खानपान में सादगी और सात्विकता रखें।
कन्या राशि के लिए यह राहु गोचर रक्षा और सुधार का समय है — शत्रु पर जीत और स्वास्थ्य में मजबूती मिल सकती है, बस अपने काम और सोच में स्पष्टता बनाए रखें।