सिंह राशि पर राहु के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव (2025)

सिंह राशि पर राहु के कुंभ राशि में गोचर का प्रभाव (2025)

2025 में राहु जब मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, तो यह सिंह राशि वालों की कुंडली में सप्तम भाव (7वां भाव) में स्थित होगा। सप्तम भाव जीवनसाथी, साझेदारी, विवाह, व्यवसायिक सहयोग और सार्वजनिक छवि का कारक होता है।

 शुभ प्रभाव:

व्यवसाय में साझेदारी से लाभ हो सकता है, यदि सावधानीपूर्वक योजना बनाएं।

विदेशी संपर्क या पार्टनरशिप से फायदा मिल सकता है।

जो अविवाहित हैं, उनके लिए अचानक विवाह या प्रेम विवाह के योग बन सकते हैं।

पब्लिक डीलिंग, कंसल्टेंसी, मीडिया या मार्केटिंग से जुड़े लोगों को नए अवसर मिल सकते हैं।

 अशुभ प्रभाव:

वैवाहिक जीवन में गलतफहमियाँ, धोखे या अलगाव की स्थिति बन सकती है।

साझेदारी में धोखा, कानूनी विवाद या भरोसे की कमी।

छवि को लेकर भ्रम — लोग आपके बारे में ग़लतफहमियाँ पाल सकते हैं।

प्रेम संबंधों में धोखा या एकतरफा प्रयास से मानसिक तनाव।

 राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय:

राहु बीज मंत्र:

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः। (प्रतिदिन 108 बार जाप करें)

पति-पत्नी में संवाद और विश्वास बनाए रखें।

नीले कपड़े शनिवार को न पहनें।

काले तिल, सरसों का तेल और कंबल दान करें, विशेषकर शनिवार को।

यह गोचर व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों की कसौटी है। यदि आप रिश्तों में पारदर्शिता और धैर्य रखें, तो राहु सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।