2025 में जब राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, तो वह कर्क राशि की कुंडली में अष्टम भाव (8वां भाव) में स्थित होगा। यह भाव जीवन के गूढ़ पक्षों, अचानक परिवर्तन, आयु, रिसर्च, रोग, और रहस्य से जुड़ा होता है।
शुभ प्रभाव:
रिसर्च, गुप्त विद्याओं, टैक्स, बीमा, निवेश जैसे क्षेत्रों में सफलता मिल सकती है।
जो लोग जासूसी, ज्योतिष, गूढ़ विज्ञान, टैरो, आयुर्वेद जैसे क्षेत्रों में हैं, उन्हें राहु का यह गोचर लाभ दे सकता है।
अचानक आर्थिक लाभ या विरासत से धन प्राप्ति का योग बन सकता है।
आध्यात्मिक रुझान, ध्यान या गूढ़ विषयों में रुचि बढ़ सकती है।
अशुभ प्रभाव:
स्वास्थ्य समस्याएं, विशेषकर गुप्त रोग, पाचन संबंधी दिक्कतें या दुर्घटना का योग।
मानसिक तनाव, भय, भ्रम या अनजानी चिंता हो सकती है।
जीवन में अचानक बड़े बदलाव — जैसे नौकरी का नुकसान, रिश्तों में टूटन।
गुप्त शत्रु, पीठ पीछे चालबाज़ियाँ या धोखा मिलने की संभावना।
राहु के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय
"ॐ राहवे नमः" या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
शनिवार को काले तिल और सरसों के तेल का दान करें।
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएँ (शनिवार को विशेष लाभकारी)।
अनावश्यक भय या भ्रम से बचें, और हर निर्णय सोच-समझकर लें।
यह गोचर कर्क राशि वालों के लिए आंतरिक परिवर्तन और आत्ममंथन का समय है। सावधानी और संयम रखें, तो यही राहु आपको मानसिक रूप से परिपक्व बना सकता है।